Lunar Eclipse 2020: नग्न आंखों से क्यों नहीं देखना चाहिए चंद्र ग्रहण, जानिये

Lunar Eclipse 2020: नग्न आंखों से क्यों नहीं देखना चाहिए चंद्र ग्रहण, जानिये


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Lunar Eclipse (Chandra Grahan) November 2020: आज यानी सोमवार 30 नवंबर को साल 2020 का अंतिम चंद्रग्रहण लगने वाला है। हालांकि, ये एक उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा। इस तरह के ग्रहण में चंद्रमा की


केवल परछाई ही पृथ्वी पर आ पाएगी। बता दें कि यही कारण है जिस वजह से जानकारों ने इसे पूर्ण रूप रूप से ग्रहण की मान्यता नहीं दी है। इस बार 30 नवंबर को कई विशेष संयोग बन रहे हैं, जिस वजह से इस


ग्रहण को अत्यधिक खास माना जा रहा है। ग्रहण लगने पर अक्सर घर के बड़े-बूढ़े नंगी आंखों से ग्रहण देखने से मना करते हैं। ऐसे में लोगों के मन में जिज्ञासा उत्पन्न होने लगती है। आइए जानते हैं क्या


है इसके पीछे की वजह –


चंद्रग्रहण को खुली आंखों से देखना चाहिए या नहीं, इस बात को लेकर कई लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ लोग जहां इसे खतरनाक मानते हैं, वहीं, कई इस विशेष खगोलीय घटना का हिस्सा बनने की भी सलाह देते


हैं।


इसलिए नहीं दी जाती है नग्न आंखों से ग्रहण देखने की सलाह: जानकारों के मुताबिक चंद्रग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे ग्रहण का असर नजरों पर पड़ता है जिससे


आंखों में विकार आने की संभावनाएं पैदा हो सकती है। साथ ही कोई नेत्र रोग भी हो सकता है। इसलिए प्राचीन काल से ही चंद्रमा को नंगी आंखों से नहीं देखा जाता है।


कुछ करते हैं खारिज: वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्र ग्रहण को नग्न आंखों से देखा जा सकता है। इससे आंखों को किसी प्रकार के नुकसान होने की संभावना नहीं रहती। चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी भी तरह


के प्रोटेक्टिव फिल्टर्स की जरूरत नहीं पड़ती है। इसे आंखों पर बिना कोई चश्मा, एक्स-रे या आई प्रोटेक्टिव केयर का इस्तेमाल किए भी देखा जा सकता है।


सूर्य ग्रहण देखना हो सकता है खतरनाक: सूर्य ग्रहण के दौरान सोलर रेडियेशन निकलता है। ऐसे में जो लोग सूर्य ग्रहण को सीधे तौर पर देखेंगे उनमें, आंखों की टिश्यूज के डैमेज होने का खतरा अधिक हो


जाता है। इस कारण उन्हें देखने में समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस स्थिति को चिकित्सीय शब्दावली में रेटिनल सनबर्न कहा जाता है।


कांग्रेस पार्टी, डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर वाले बयानों को लेकर बीजेपी पर हमलावर है। राहुल गांधी ने 'नरेंद्र, सरेंडर' का नारा दिया, जिसका इस्तेमाल पार्टी बीजेपी पर सियासी बढ़त के लिए कर रही


है। पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने अमेरिका के आगे सरेंडर किया। उन्होंने कहा कि मोदी ने ट्रंप के आगे घुटने टेक दिए, जिससे देश का भविष्य खतरे में है।