पूर्णबंदी का रमजान भी अलग, दुआएं भी अकेले-अकेले

पूर्णबंदी का रमजान भी अलग, दुआएं भी अकेले-अकेले


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प्रियरंजन रमजान का पवित्र महीना शनिवार से शुरू हो रहा है। इस बार का रमजान बिल्कुल अलग होगा। सहरी, इफ्तार, तरावी सब घर पर होगा। न सड़कों पर भीड़ होगी और न तरावी के लिए मस्जिदों में नमाजियों की


लंबी कतारें। दुआएं भी सामूहिक नहीं अकेले-अकेले मांगी जाएंगी। पूर्णबंदी में इसे लेकर तमाम मुस्लिम संगठनों ने कोरोना के मद्देनजर दिशानिर्देश जारी किए हैं। वक्फ बोर्ड ने भी मस्जिदों के मौलानाओं


को इस बाबत आगाह किया है। दिल्ली में पूर्णबंदी का पूर्ण पालन और घर से ही नमाज पढ़ने के अलावा मस्जिद और सहभोज (इफ्तार) से दूरी बरकरारी का फैसला किया गया है। गृह मंत्रालय और वक्फ बोर्ड ने इस


बाबत ताजा हिदायत दी हैं। गृह मंत्रालय को अंदेशा है कि मस्जिदों में ‘तराबी’ के लिए लोग इकट्ठा हो सकते हैं। जिसके बाद उसने स्थानीय प्रशासन को इस बाबत सजग रहने को कहा है। ‘तराबी’ सामान्यत: शाम


के समय मस्जिदों में आयोजित किया जाता है। सरकार ने पूर्णबंदी के दौरान धार्मिक एकत्रीकरण को पूरी तरह प्रतिबंधित किया है। वक्फ बोर्ड ने रमजान को देखते हुए दिल्ली के इमामों को कोविड-19 से


संबंधित जो विशेष दिशानिर्देश जारी किए हैं। उसमें मस्जिदों के लाउडस्पीकर से हर अजान के बाद एक और एलान होगा जिसमें सरकार के दिशानिर्देशों को बताया जाएगा। मस्जिद प्रबंधन समितियों और समुदाय के


नेताओं से कहा गया है कि वे मुस्तैद रहें ताकि नमाज के लिए कोई भी मस्जिद नहीं जा सके। सभी मुसलिम संगठनों और मौलवियों ने लोगों से अपील की है कि रमजान के दौरान वे घरों में नमाज पढ़ें। उन्होंने


समाज को बताया है कि निजामुद्दीन में तबलीगी जमात प्रकरण के बाद अधिकारी सशंकित हैं। भारत के कुल कोविड-19 मामलों का 30 फीसदी मामला इससे जुड़ा हुआ है। तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी ने भी


अपने अनुयायियों से अपील की कि वे रमजान के महीने के दौरान अपने घरों में ही नमाज अदा करें। साद ने बयान जारी कर कहा-मैं सभी से निवेदन करता हूं कि वे सरकारों के दिशानिर्देशों और हिदायतों का


सख्ती से पालन करें और जब तक पाबंदियां लागू हैं, घरों में ही नमाज अदा करें। इसके अलावा प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी, अमीर जमाअत इस्लामी हिंद के अमीर


आदतुल्लाह हुसैनी के अलावा आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, मकजी जमीअत अहले हदीस, मिल्ली कौंसिल, शाही इमाम मस्जिद फतहपुरी, सहिद कई संगठनों ने एकमत से कोरोना संकट के मद्देनजर मुस्लिम समुदाय


से अपील की कि वे रमजान के पवित्र महीने में पूर्णबंदी और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अपने घर पर ही इफ्तार एवं इबादत करें। केवल घर पर भी नमाज और इफ्तार करें। और वहां भी सामाजिक दूरी का ख्याल


रखा जाए। रमजान के मौके पर तराबी (विशेष नमाज) अपने घरों में ही पढ़ें और मस्जिदों में इमाम सहित केवल चार लोग (इमाम, मुअज्जिन, खादिम) ही दूरी बनाकर पांचों वक्त की नमाज पढ़ सकेगें। साथ ही यह भी


कहा गया है कि मस्जिदों में साफ साफाई का बेहद खयाल रखा जाए। इसके अलावा खासतौर पर इफ्तार से पहले खरीदारी की भीड़ से परहेज करने और रमजान की रातों में इधर उधर घूमने वाली तफरीह को एकदम बंद करने की


अपील मुसलिम बुद्दिजीवियों की ओर से की गई है। बाजार तैैयार, लेकिन मांसाहारी व्यंजनों की कमी खलेगी रमजान को लेकर दिल्ली के बाजार तैयार हैं। लक्षा सेवईयां को छोड़ खाने पीने की चीजों की कोई कमी


नहीं। मुसलिम बहुल इलाकों मसलन सीलमपुर, जामिया नगर, बटला हाउस, जामा मस्जिद, जाफराबाद, शाहीन बाग, पुरानी दिल्ली, दरियागंज, तुर्कमान गेट, में दुकानों पर दातून से लेकर खजूर, पौकेट वाली सेवई,


दुध, पनीर, फलों की आपूर्ति का बंदोबस्त पुख्ता है। रमजान के महीने में मुस्लिम सुबह से शाम तक उपवास करते हैं और इकट्ठा होकर नमाज पढ़ते हैं। शाम में इफ्तार का आयोजन भी किया जाता है। इंडियन नेशनल


ट्रेड यूनियन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमजद हसन ने कहा कि पूर्णबंदी में इफ्तार और सहरी कि चीजों की अप्रवासी छात्रों के साथ अकेले रह वाले लोगों को दिक्कतों का सामने सामना करना पड़ने का


अंदेशा है। क्योंकि इनमें से ज्यादातर लोग खाने पीने के तले व्यंजनों के लिए बाजार पर आश्रित होते हैं। तैयार खाना परोसने वाली दुकानों की बंदी के वजह से इस बार पकौड़ों और मांसाहारी व्यंजनों की


कमी समुदाय को खलेगी। जामा मस्जिद के इमाम ने की अपील जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचने की अपील की है। साथ ही


उन्होंने सरकार से मांग की है कि रमजान के दौरान अधिकारियों को मुस्लिम इलाकों में दुकानों और ठेली वालों को अनुमति देनी चाहिए ताकि रोजेदार इफ्तारी और सहरी के लिए भोजन खरीद सकें। उन्होंने


अधिकारियों से अपील की कि मुस्लिम बहुल इलाकों में जरूरी इतंजाम किए जाएं ताकि लोग तड़के और शाम के समय जरूरत का सामान खरीद सकें।