कब लगेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, क्या भारत में देगा दिखाई?

कब लगेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, क्या भारत में देगा दिखाई?


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हिंदू धर्म में ग्रहण को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण तो अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) लगता है। साल 2020 का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को लग चुका


है और अब दूसरा चंद्र ग्रहण 5 जून को लगने जा रहा है। ये एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। वहीं जून में ही सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) भी लगेगा। जिसकी तारीख 21 जून है। 5 जून को लगने वाला ग्रहण:


ये ग्रहण 5 जून की रात 11 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा जो 6 तारीख को 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। ज्योतिष अनुसार सूतक उसी ग्रहण का


मान्य होता है जिसे हम नंगी आंखों से देख पाएं। ये चंद्रग्रहण भारत, यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में देखा जाएगा। क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण: ये ग्रहण तब होता है जब सूरज और चांद


के बीच पृथ्वी घूमते हुए आती है, लेकिन वे चांद की उपच्छाया में आते ही वापस निकल जाती है। इस दौरान पृथ्वी चांद की वास्तविक छाया भूभा में प्रवेश नहीं करती। इसलिए उपच्छाया के समय चंद्रमा का बिंब


केलक धुंधला दिखाई देता है, काला नहीं होता। इस धुंधलेपन को सामान्य रूप से देखा नहीं जा सकता है। इसलिए ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण होता है न कि वास्तविक चंद्र ग्रहण। ग्रहण लगने के धार्मिक कारण:


ग्रहण लगना एक खगोलीय घटना है लेकिन इसके कुछ धार्मिक कारण भी माने गये हैं। जिसके पीछे देव और असुरों की कहानी बताई जाती है। पौराणिक कथा अनुसार बात समुद्र मंथन के समय की है जब देवताओं और दानवों


में अमृत का पान करने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था। उस समय भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके देवताओं को अमृत पिलाने के उदेश्य से देव और असुरों को अलग अलग बैठा दिया। लेकिन दानव राहु को


ये एक चाल समझ आई जिस कारण वो अपना रूप बदलकर देवताओं की लाइन में आकर बैठ गया। राहु को ऐसा करते सूर्य और चंद्रमा ने देख लिया। जिसकी जानकारी उन्होंने तुरंत विष्णु जी को दे दी। श्री हरि ने अपना


सुदर्शन चक्र निकालकर राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया। मगर राहु अमृत का पान कर चुका था जिस कारण वो अमर हो गया। तब से काहु चंद्रमा और सूर्य को अपना दुश्मन मानने लगा। जिस कारण वो पूर्णिमा के दिन


चंद्रमा का तो अमावस्या के जिन सूर्य का ग्रास कर लेता है।