
कोरोना संकट के बीच पाकिस्तानी सेना ने मांगी वेतन में 20% की बढ़ोतरी
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कोरोना महामारी संकट के दौर में जिस वक्त पूरी दुनिया के देश अपने खर्चों में कटौती कर लोगों की जान बचाने की कोशिश में जुटे हैं ऐसे में पाकिस्तानी सेना ने 20 फीसदी की वेतन वृद्धि की मांग
करके... Alakha Ram Singh एजेंसी, इस्लामाबादTue, 12 May 2020 05:42 PM Share Follow Us on __ कोरोना महामारी संकट के दौर में जिस वक्त पूरी दुनिया के देश अपने खर्चों में कटौती कर लोगों की जान
बचाने की कोशिश में जुटे हैं ऐसे में पाकिस्तानी सेना ने 20 फीसदी की वेतन वृद्धि की मांग करके इमरान खान सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। पहले से अपने खर्चों में कटौती कर हालात से जूझ रही
इमरान सरकार के सामने सेना की इस मांग ने नई चुनौती खड़ी कर दी हैै। पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने इमरान सरकार को मेमोरेंडम भेजकर 63.67 बिलियन रुपए यानी 6367 करोड़ की मांग की है, जिससे कि
तीनों सेनाओं- एयरफोर्स, सेना और नेवी के कर्मचारियों की सैलरी में 20 फीसदी का इजाफा किया जा सके। पाकिस्तानी सेना की हैरान कर देने वाली ख्वाहिश का मांगपत्र रक्षा मंत्रालय के जरिए वित्त विभाग
में जमा कराया गया है। सैलरी बढ़ाने की मांग को लेकर दावा किया गया है कि देश में रुपए की कीमत बेतहाशा गिर गई हैै, इसके कारण सैनिकों को मिल रहा वेतन नाकाफी साबित हो रहा है। साथ ही महंगाई भी
इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि खर्चे पूरे नहीं हो पा रहे। पाक सेना के इस मांगपत्र में कहा गया है कि पिछले साल वित्तीय वर्ष 2019-20 में ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारियों का वेतन 5 फीसदी और जवानों का
वेतन 10 फीसदी बढ़ाया गया था लेकिन जनरल अधिकारियों के वेतन में किसी प्रकार की वेतन वृद्धि नहीं की गई थी। हालांकि ऐसा भी कहा जा रहा है कि पीबीएस 21-22 रैंके अधिकारियों का वेतन भी बढ़ा था लेकिन
उनका इनका टैक्स भी बढ़ा दिया था। परिणाम स्वरूप उनका वेतन कम हो गया था। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते रक्षा मंत्रालय के मेमोरेंडम में कहा गया है हालात अब ऐसे में हैं सेना के कर्मचारियों का
खर्च पूरा नहीं हो रहा, उन्हें जीवन यापन में दिक्कत आ रही है। सेना के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के चेयरमैन सेना की इस मांग को मंजूरी दे दी है। मांगपत्र में सैलरी स्ट्रक्चर में कुछ सुधार
जैसे भत्तों को 2017 में डिजाइन की गई बेसिक सैलरी के साथ जोड़ देना चाहिए। साथ ही मौजूदा वित्तवर्ष में कर्मचारियों को 20 फीसदी बढ़ा हुआ भत्ता दिया जाना चाहिए। सेना ने अपने मांगपत्र में यह भी
कहा है कि पिछले साल देश की अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता थी लिहाजा सैनिकों और अधिकारियों से स्वेच्छा से अपने खर्चों में कटौती को स्वीकार कर ली थी। इतना ही नहीं सरकार ने पिछले साल वार्षिक रक्षा
बजट में बढ़ोतरी को छोड़ दिया गया था।