प्रयागराज में राष्ट्रीय विधि विवि की स्थापना का विधेयक पास, मुख्य न्यायाधीश होंगे कुलाधपति

प्रयागराज में राष्ट्रीय विधि विवि की स्थापना का विधेयक पास, मुख्य न्यायाधीश होंगे कुलाधपति


Play all audios:


Hindi NewsUP NewsBill to establish National Law University in Prayagraj passed Chief Justice to be Chancellor प्रदेश विधानसभा ने शनिवार को ‘उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय


प्रयागराज विधेयक--2020’ को मंजूरी दे दी। इससे प्रदेश के दूसरे राज्य विधि विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो... Deep Pandey हिन्दुस्तान टीम, लखनऊSat, 22 Aug 2020 04:43 PM Share Follow


Us on __ प्रदेश विधानसभा ने शनिवार को ‘उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज विधेयक--2020’ को मंजूरी दे दी। इससे प्रदेश के दूसरे राज्य विधि विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता


साफ हो गया। विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान पहले ही कर चुकी है। पहला राज्य विधि विश्वविद्यालय लखनऊ है, जो डॉ. राम


मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के नाम से है।  सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अथवा नामित वरिष्ठ न्यायाधीश होंगे कुलाध्यक्ष यह विधेयक प्रदेश के विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक


की तरफ से पेश किया गया। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनकी तरफ से नामित सुप्रीम कोर्ट का कोई वरिष्ठ न्यायाधीश विश्वविद्यालय का कुलाध्यक्ष होगा। कुलाध्यक्ष ही दीक्षांत समारोह की


अध्यक्षता करेंगे। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय में कुलाधिपति, कुलपति, कुलसचिव, वित्त नियंत्रक व परीक्षा नियंत्रक होंगे। हाईकोर्ट इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश विश्वविद्यालय के कुलाधपति होंगे।


कुलपति विश्वविद्यालय का पूर्णकालिक वेतन भोगी अधिकारी होगा। पहले कुलपति की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।  विश्वविद्यालय में होंगी चार परिषदें विधेयक में विश्वविद्यालय के चार


प्राधिकरणों का प्रावधान किया गया है। इसमें महापरिषद, कार्य परिषद, विद्या परिषद व वित्त समिति होगी। प्रदेश के मुख्मंत्री महापरिषद के अध्यक्ष होंगे, जबकि कुलपति इसके सचिव होंगे। महापरिषद की


बैठक की अध्यक्षता करने में असमर्थ रहने पर मुख्यमंत्री प्रदेश के किसी कैबिनेट मंत्री को इसकी अध्यक्षता करने के लिए नामित करेंगे। महापरिषद में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की तरफ से नामित


हाईकोर्ट एक कार्यरत न्यायाधीश, प्रदेश के विधि एवं न्याय मंत्री, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री, महाधिवक्ता, प्रमुख सचिव न्याय, प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, भारतीय विधिज्ञ परिषद


के अध्यक्ष व राज्य विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष समेत कई सदस्य होंगे।