
Corona: अभी देश में नहीं आया कोविड-19 का पीक, जून तक बढ़ेंगे मामले, रिपोर्ट का खुलासा
- Select a language for the TTS:
- Hindi Female
- Hindi Male
- Tamil Female
- Tamil Male
- Language selected: (auto detect) - HI
Play all audios:

एक मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कोरोना का पीक आने में अभी दो महीने और लगेंगे। By SHAILENDRA KUMAR Edited By: SHAILENDRA KUMAR Publish Date: Sat, 17 Apr 2021 09:07:45 PM (IST)
Updated Date: Sat, 17 Apr 2021 09:07:44 PM (IST) देश में कोरोना के मामले अभी और बढ़ेंगे और इसका पीक आने में दो महीने और लग सकते हैं। वहीं जून के पहले हफ्ते तक मरनेवालों का आंकड़ा रोजाना ढाई
हजार तक पहुंच सकता है। ये मानना है जाने-माने मेडिकल जर्नल 'द लांसेट(The Lancet)' का, जिसने हाल ही में कोविड19 पर अपनी रिपोर्ट जारी की है। लांसेट कोविड-19 कमीशन की एक रिपोर्ट में
कहा गया है कि भारत में कोरोना के सेकेंड वेव की वजह से रोजाना मरने वाले लोगों की संख्या जून के पहले हफ्ते में 2320 तक पहुंच सकती है। ये रिपोर्ट लांसेट कोविड-19 कमीशन के इंडिया टास्क फोर्स के
सदस्यों ने यह रिपोर्ट तैयार की है। आपको बता दें कि लांसेट इंडिया टास्क फ़ोर्स में 20 सदस्य हैं, जो मेडिकल क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। इस शोध से जुड़े एक वैज्ञानिक, भारत सरकार की कोरोना टास्क
फोर्स के सदस्य भी हैं। क्या कहती है रिपोर्ट? * सितंबर 2020 में कोरोनावायरस के पहले चरण के संक्रमण की तुलना में इस बार का दूसरा चरण बिल्कुल अलग है। * कोरोना के सेकंड वेव में, कोरोना के नए
मामले सामने सामने आने की रफ्तार बहुत अधिक है। * कोरोनावायरस का सेकंड वेव भारत के टियर-2 और तीन शहरों में भी तेजी से पहुंच रहा है। * सेकंड वेव में बहुत से ऐसे पॉजिटिव मामले मिले हैं, जिनके
मरीजों में कोई लक्षण नहीं था या बहुत मामूली लक्षण थे। * इस वजह से अस्पताल में दाखिल होने वाले लोगों की दर कम है, जबकि मरने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक है। क्या हैं सुझाव? * सरकार को 10 या
उससे अधिक लोगों के मिलने जुलने या कहीं जुटने पर अगले 2 महीने के लिए रोक लगा देनी चाहिए। * भारत को कोरोनावायरस के संक्रमण की टेस्टिंग बढ़ानी होगी और इस पर 7.8 अरब डॉलर से अधिक खर्च करने की
जरूरत है। * लोगों की जान बचाने के लिए हेल्थ केयर यूटिलाइजेशन पर 1.7 अरब डॉलर खर्च करने की जरूरत है। * रेगुलर हेल्थ सर्विस को इस अवधि में भी रोका नहीं जाना चाहिए अन्यथा संकट और बढ़ सकता है।
आपको बता दें कि इस साल फरवरी में कोरोना संक्रमण के नए मामले रोजाना 10,000 पर सिमट गए थे। लेकिन अप्रैल में ये 2 लाख 40 हजार के करीब पहुंच गये हैं। इस साल 40 दिनों से कम समय में ही कोरोना के
नए मामले 8 गुना बढ़ गये हैं। पिछले साल सितंबर में कोरोना के 8 गुना केस होने में 83 दिनों का समय लगा था। इससे आप स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगा सकते हैं।