पत्रिका अभियान – अवैध कब्जों से घिरा प्रदेश का सबसे बड़ा स्टेडियम, पार्किंग में गैराज, खाली जगहों पर कंडम वाहन | state's largest stadium surrounded by illegal occupations

पत्रिका अभियान – अवैध कब्जों से घिरा प्रदेश का सबसे बड़ा स्टेडियम, पार्किंग में गैराज, खाली जगहों पर कंडम वाहन | state's largest stadium surrounded by illegal occupations


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0 पार्किंग में डंप कंडम वाहन स्टेडियम में खेल आयोजनों के दौरान आने वाली भीड़ के वाहनों की पार्किंग के लिए चारों ओर पर्याप्त जगह छोड़ा गया है। इन जगहों पर गैराज संचालक कंडम वाहनों की पार्किंग


कर रहे हैं। इस समय स्टेडियम परिसर में ऐसे आधा सैकड़ा कंडम वाहन खड़े हैं। कंडम वाहनों के साथ दिन में हल्ट वाली बसों को भी यहां खड़ी की जा रही है। 0 पौधरोपण को भी पहुंचा रहे नुकसान स्टेडियम


के चारों ओर को हराभरा रखने व आसपास के खाली जगहों को अवैध कब्जे से बचाने पूर्व में पौधरोपण किया गया था। इनमें से कई पौधे अब बड़े हो गए हैं। वहीं कुछ अभी भी छोटे हैं। आसपास के व्यापारी जगह पर


कब्जे के लिए पेड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पौधों के बीच भी कंडम वाहन खड़े किए जा रहे हैं। 0 असमाजिक तत्वों का डेरा स्टेडियम परिसर के खाली जगह के अलावा स्टेडिमय के भीतर भी असमाजिक तत्वों


का डेरा बन गया है। खिलाडिय़ों की मानें तो शाम होते ही गैराज वाले इलाके व स्टेडिमय के भीतर भी असमाजिक तत्वों का डेरा लग जाता है। इनके द्वारा यहां खुलेआम शराब खोरी भी की जाती है। शराबखोरी के


बाद बॉटल व गंदगी स्टेडियम में फेंक दिया जाता है। खाली कराना बेहद जरूरी खिलाड़ी घनश्याम देवांगन का कहना है कि स्टेडियम परिसर चहुंओर से अवैध कब्जों से पट गया है। इसे खाली कराना बेहद जरूरी है।


कब्जे के कारण स्टेडियम परिसर में पार्किंग तो दूर घुसना भी मुश्किल होता है। गैराज संचालकों ने परिसर को कंडम वाहनों की पार्किंग बना दिया है। असमाजिक तत्वाें का जमावड़ा स्थानीय व्यापारी लखेंद्र


कुमार कहते हैं कि जिला व निगम प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। अवैध कब्जों के साथ पूरा इलाका असमाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। स्टेडियम परिसर के साथ चौपाटी भी पूरी तरह चौपट हो गई है। इन


इलाकों को तत्काल सुरक्षित व संरक्षित करने की दरकार है। कई बार बताई समस्या जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी नवाब सिद्दीकी ने बताया कि पूर्व में दर्जनों बार प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया जा


चुका है। इससे पहले स्टेडिमय को संवारने के साथ परिसर को भी संरक्षित करने की योजना बड़ी थी, लेकिन इस पर काम नहीं हो पाया। फिर से ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा।