शाहगंज लूटकांड: घायल सर्राफकर्मी ने तोड़ा दम
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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Wed, 28 Oct 2015 07:40:19 (IST) AGRA (27 Oct.)। शाहगंज में लूट के दौरान गोली लगने से घायल हुए सर्राफ कर्मचारी ने मंगलवार को दम तोड़ दिया। हालत गंभीर होने पर
परिवारीजन उसे लेकर दिल्ली स्थित हॉस्पिटल गए थे। वहां से परिजन उसे आगरा ला रहे थे, रास्ते में रामबाग के पास उसकी मौत हो गई। उसकी मौत ने जहां परिवार को तोड़ दिया, वहीं पुलिस प्रशासन के खिलाफ
पहले से ही व्याप्त आक्रोश को और भड़का दिया.पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों ने अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। शाम को शव पहुंचते ही नरेन्द्र के घर में कोहराम मच
गया। नौकर के हाथ से छीना था थैला सराफा कारोबारी गोविंद प्रसाद की शाहगंज बाजार स्थित दुकान से सौ कदम की दूरी पर ही मकान है। वह 18 अक्टूबर की रात को दुकान बंद कर अपने वर्कर्स के साथ घर लौट
रहे थे। कोल्हाई गली के पास पांच बदमाशों ने उन्हें निशाना बना लिया। एक थैला नरेंद्र के हाथ में था। बदमाशों ने उसकी कनपटी पर गोली मार कर थैला छीन लिया। गोविंद प्रसाद ने उनका पीछा किया तो
बदमाशों ने तमंचा तान कर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने किया झूठा खुलासा! कुछ दिन पूर्व टूंडला में पुलिस ने कुछ बदमाशों को पकड़ कर शाहगंज लूटकांड का खुलासा कर दिया था लेकिन कारोबारी गोविंद
प्रसाद ने दो टूक बरामद किए गए माल को नकली बता दिया। उनका कहना था कि पुलिस द्वारा दिखाया गया माल पीतल है न कि सोना। इसी के बाद पुलिस फिर से मामले की पड़ताल में जुट गई। इधर वर्कर नरेंद्र की
हालत और अधिक गंभीर हो गई। दिल्ली ले गए थे परिजन रविवार को नरेंद्र के परिजन उसे लेकर दिल्ली हॉस्पीटल ले गए। वहां पर डॉक्टरों ने उसे वेंटीलेटर पर ले लिया। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ती गई।
मंगलवार की दोपहर परिजन उसे आगरा रैफर करा कर ला रहे थे। एक्सपे्रस वे से आने के दौरान जैसे ही उनकी एम्बुलेंस रामबाग के पास आई नरेंद्र ने दम तोड़ दिया। परिवार उसके साथ था। उसकी मौत होते ही
परिजनों में कोहराम मच गया। नरेंद्र को आगरा लाने के दौरान उसके घर से लगातार उसके फोन आ रहे थे। परिजन उसके घर लौटने की आस में पलकें बिछाए बैठे थे लेकिन उन्हें क्या पता कि उनके घर का चिराग बुझ
गया है। पिता ने परिजनों को नहीं बताया कि उसकी मौत हो गई है। बल्कि वो उपचार के लिए दूसरे अस्पताल ले जाने की बात ही बता रहे थे। परिवार उसकी मौत का दुख एकदम बर्दाश्त नहीं कर सकता था। पुलिस
कार्रवाई से खुश नहीं परिवारीजन वर्कर नरेंद्र कुशवाह सराफा कारोबारी का वफादार था। वह सरकारी माल की जांच भी करता था। वह करीब 14 साल से वहां पर काम कर रहा था। उसकी मौत पर परिजनों में गुस्सा है।
उनका कहना था कि उन्हें पुलिस की कार्रवाई ठीक नहीं लग रही है। अभी तक अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। परिजनों की मांग है कि जल्द इस मामले में अपराधियों की पकड़ हो। मृतक नरेंद्र के 10 वर्षीय
बेटा बिट्टू व आठ वर्षीय बेटी भूमि है। पत्नी सावित्री का रो-रोकर बुरा हाल है।